History of mojmabad Jaipur
Mozmabad Jaipur
मोजमाबाद का इतिहास
History of mojmabad Jaipur |
आमेर के कछावाहा शासक राजा भारमल ने 1562 ई. में अकबर की अजमेर यात्रा के दौरान वर्तमान सांगानेर के निकट अकबर की अधीनता स्वीकार किया जिसके बाद अपनी पुत्री जोधाबाई की शादी अकबर से कर मुगलों के साथ सहयोग की नीति की शुरूआत की।
राजा भारमल के पौत्र तथा राजा भगवन्तदास के पुत्र कुंवर मानसिंह का सम्राट अकबर से परिचय 1562 ई. में हुआ। मानसिंह का जन्म 2 दिसम्बर 1550 ई. को मोजामाबाद में हुआ था। मानसिंह के बारे में कुछ भी बताने से पहले स्थानीय लोग नीचे लिखी इन लाइनों से अपनी बात शुरू करते हैं।
जननी पूत जने तो ऐड़ा जण जेड़ो मान मरद
समुद्र खाडो पखालियो काबुल बांधी हद
मानसिंह का बचपन आमेर से मोजमाबाद में ही बीता जहां उन्होंने शस्त्र विद्धा के साथ उन्हें हिन्दी, संस्कृत एवं फारसी भाषाओं में पारंगतता हासिल की।
इसके बाद 12 साल के किशोर मानसिंह को आगरा में शाही सेवा में रखकर अकबर ने प्रशिक्षण दिया और एक क्षत्रिय राजकुमार के सारे गुर सिखाए। आखेट मानसिंह का विशेष शौक बताया जाता है। किशोरावस्था में उन्होंने अपने इस शौक को आमेर और फिर आगरा में पूरा किया।
सांगा ने मोजमाबाद को अधिकार में लेकर सांगानेर बसाया था।
मानसिंह ने मुगल साम्राज्य के सेनानायक और सूबेदार के रूप में सेवा की। वह अकबर के सर्वाधिक विशवस्त सेनानायक माना जाते थे। मुगल सम्राट अकबर के समय जिन राजपूत शासकों ने मुगलों को सहयोग किया उनके मानसिंह का योगदान सर्वोपरि माना जाता है। 1589 में मानसिंह ने आमेर का शासन संभाला।
राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /191 राजस्थान के जैन तीर्थ जिला अजमेर 1. श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र सरवाड पो. सरवाड 2. श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र सावर जिला अलवर 3. श्री 1008 चन्द्रप्रभ दि.जैन अ. क्षेत्र देहरा-तिजारा पो. तिजारा जिला उदयपुर 4. श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र ऋषभदेव जी पो. ऋषभदेव 5. श्री दिगम्बर जैन अ. क्षेत्र अणन्दा पार्श्वनाथ जिला जयपुर 6. श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र पद्मपुरस 7.श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र पार्श्वनाथ चूलगिरि, आगरा रोड 8. 1008 आदिनाथ दि.जैन अ. क्षेत्र मोजमाबाद पो. मोजमाबाद 9. श्री दिगम्बर जैन अ. क्षेत्र बैनाड जिला झालावाड़ 10. श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन अ. क्षेत्र चांदखेड़ी पो. खानपुर जिला डूंगरपुर 11. श्री 1008 देवाधिदेव श्री नागफणी पार्श्वनाथ दि. जैन मन्दिर
मोजमाबाद कैसे आए
मोजमाबाद के आस-पास के गांव
मौजमाबाद से आसपास के गांव और इसकी दूरी गंगाती कल्लं 6.4 किमी, गिदानी 9.2 किमी, सवरदा 9.9 किमी, मंगलवाड़ा 10.0 किमी, झाग 11.4 किमी, रासीली 11.7 किमी, दूदू 12.4 किमी, गडोटा 14.0 किमी, बिचून 14.9 किमी, आकोड़ा 17.2 किमी है। सुनदिया 17.7 किमी, हरसोली 18.9 किमी, उर्सवा 18.9 किमी, नरैना 19.8 किमी, महलन 20.3 किमी, उगारियावास 21.0 किमी, गगर्डू 22.1 किमी, हिरनोदा 23.8 किमी, ढिंडा 24.3 किमी, कचरोड़ा 24.9 किमी, दंतरी 26.0 किमी, असल पुर 26.1 किमी, सखून 26.3 किमी, धानी भोज 26.8 किमी, धंधोली 27.2 किमी, बोबास 29.4 किमी, सिरोहिकलां, साली, गहलोटा, कोरसीना, मारवा, श्री राम पुरा, चैन पुरा, रहालाना, सरदुल पुरा, बड़ौती, सांवली, बिहारीपुरा, सेवा, झरना, बोराज , नानन, बसंतगढ़, दूदू, चापर, जाखेड़, लट्टी, चकल। खुदियाला, बगेट, गुड्डा सहायपुरा, ककराला, धमाना, मीरापुर
मोजमाबाद के पास का रेलवे स्टेशन
मौजमाबाद का निकटतम रेलवे स्टेशन मोखमपुरा है जो लगभग 11.7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। निम्न तालिका अन्य रेलवे स्टेशनों और मामाकुडी से इसकी दूरी को दर्शाती है। मोखमपुरा रेलवे स्टेशन 11.7 कि.मी. नरैना रेलवे स्टेशन 21.5 किमी. हिरनोदा रेलवे स्टेशन 23.8 कि.मी. ढिंडा रेलवे स्टेशन 24.3 किमी. फुलेरा जंक्शन रेलवे स्टेशन 24.9 कि.मी.
मोजमाबाद के पास का हवाई अड्डा
मौजमाबाद का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो 47.4 किमी की दूरी पर स्थित है। मौजमाबाद के आसपास कुछ और हवाई अड्डे इस प्रकार हैं। जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 47.4 किमी। कोटा हवाई अड्डा 175.1 कि.मी. जोधपुर एयरपोर्ट 234.7 कि.मी. किशागढ़ हवाई अड्डा 52 कि.मी.
यह था मोजमाबाद वह मोजमाबाद का इतिहास तो आपको मोजमाबाद के इतिहास व मोजमाबाद के बारे में जानकर कैसा लगा हमें कमेंट में जरूर बताएं। जय राजपूताना जय राजस्थान।
PM Gautam gidani
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